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एक भेद के सेवक पौलॉस

इसलिए मैं, पौलॉस, तुम अन्यजातियों के लिए मसीह येशु का बन्दी हूँ.

निश्चित ही तुमने परमेश्वर के अनुग्रह के उस प्रबन्धन के विषय में सुना है, जो मुझे तुम्हारे लिए प्रदान किया गया अर्थात् वह भेद, जो मुझ पर प्रकाशन के द्वारा प्रकट किया गया, जिसका संक्षेप में वर्णन मैं पहले कर चुका हूँ. इसे पढ़ते हुए तुम मसीह के भेद के विषय में मेरे विवेक को समझ सकते हो, जो मानवजाति पर अन्य पीढ़ियों में इस प्रकार प्रकट नहीं किया गया था, जिस प्रकार अब प्रभु के पवित्र प्रेरितों तथा भविष्यद्वक्ताओं पर पवित्रात्मा में प्रकट किया गया है: अब ईश्वरीय सुसमाचार के द्वारा अन्यजाति मसीह येशु में मीरास के साझी, एक ही शरीर के अंग और प्रतिज्ञा के सहभागी हैं.

परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया. मुझे, जो पवित्र लोगों में छोटे से भी छोटा हूँ, अन्यजातियों में मसीह के अगम्य धन का प्रचार करने के लिए यह अनुग्रह प्रदान किया गया कि सभी सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्त रखे गए इस भेद के प्रबन्धन को सब पर प्रकट करूँ 10 कि अब कलीसिया के द्वारा परमेश्वर का विभिन्न प्रकार का ज्ञान आकाशमण्डल के प्रधानों और अधिकारियों पर प्रकट किया जाए. 11 यह उस सनातन उद्धेश्य के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर ने मसीह येशु हमारे प्रभु में पूरा किया, 12 जिनमें अपने विश्वास के द्वारा प्रवेश के लिए हमें साहस तथा भरोसा प्राप्त हुआ है. 13 इसलिए तुमसे मेरी यह विनती है कि तुम उन सताहटों के कारण, जो मैं तुम्हारे लिए सह रहा हूँ, निराश न हो; क्योंकि वे तुम्हारा गौरव हैं.

पौलॉस की प्रार्थना

14 यही कारण है कि मैं पिता के सामने घुटने टेकता हूँ, 15 जिनमें स्वर्ग और पृथ्वी के हर एक कुल का नाम रखा जाता है 16 कि वह अपनी अपार महिमा के अनुसार अपने पवित्रात्मा के द्वारा तुम्हारे जीवन की आत्मा को शक्ति-सम्पन्न करें, 17 कि विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में वास करें कि प्रेम में मजबूत व स्थिर होकर 18 तुम सभी पवित्र मसीह के प्रेम की लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई व गहराई को भली-भांति समझ सको 19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको, जो ज्ञान से परे है कि परमेश्वर की सारी भरपूरी तुममें स्थापित हो जाए.

20 अब उन्हें जो हम में कार्यशील सामर्थ्य के द्वारा हमारी विनती और सोच और समझ से अपार कहीं अधिक बढ़कर करने में सक्षम हैं, 21 हममें इस समय सक्रिय सामर्थ्य के द्वारा, कलीसिया और मसीह येशु में उनकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी, सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन.