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चेतउनी

एकरसेति, जऊन बातमन ला हमन सुने हवन, ओकर ऊपर हमन ला अऊ धियान देना चाही, ताकि हमन ओ बातमन ले झन भटक जावन। काबरकि स्वरगदूतमन के दुवारा कहे गे संदेस ह सच रिहिस अऊ जऊन कोनो ओकर पाछू नइं चलिस या ओला नइं मानिस, ओला ओकर सही-सही दंड मिलिस। यदि हमन अइसने बड़े उद्धार ला धियान नइं देवन, त हमन कइसने बच सकथन। ए उद्धार के बखान पहिली परभू के दुवारा करे गीस, अऊ जऊन मन एला सुनिन, ओमन के दुवारा हमन ला एकर निस्चय होईस। परमेसर ह घलो चिन्‍हां, अद्भूत काम अऊ कतको किसम के चमतकार के दुवारा एकर गवाही दीस अऊ ओह पबितर आतमा के बरदान के दुवारा घलो एकर गवाही दीस, जऊन ला कि ओह अपन ईछा के मुताबिक मनखेमन ला दे हवय।

यीसू ह अपन भाईमन सहीं बनिस

अवइया संसार, जेकर बारे म हमन चरचा करत हवन, परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन के अधीन म नइं करिस। परमेसर के बचन म एक झन एक जगह गवाही दे हवय:

“मनखे ह का ए कि तेंह ओकर चिंता करथस,
    या मनखे के बेटा ह का ए कि तेंह ओकर देख-रेख करथस[a]?
तेंह ओला स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय,
    तेंह ओकर ऊपर महिमा अऊ आदर के मुकुट रखय।
    अऊ हर एक चीज ला ओकर गोड़ के खाल्‍हे कर देय।”[b]

हर एक चीज ला ओकर अधीन करके, परमेसर ह अइसने कोनो चीज ला नइं छोंड़िस, जऊन ह ओकर अधिकार म नइं ए। पर अभी हमन हर एक चीज ला ओकर अधीन म नइं देखथन। पर हमन यीसू ला देखथन, जऊन ह स्वरगदूतमन ले थोरकन कम करके बनाय गीस अऊ अब मिरतू के दुःख उठाय के कारन, ओह महिमा अऊ आदर के मुकुट पहिरे हवय, ताकि परमेसर के अनुग्रह के दुवारा ओह जम्मो मनखे बर मर जावय।

10 एह उचित रिहिस कि परमेसर, जेकर दुवारा अऊ जेकर बर हर एक चीज बनाय गीस, ओह यीसू ला दुःख उठाय के जरिये सिद्ध करय, ताकि ओह बहुंते बेटामन ला लानय अऊ यीसू के महिमा म भागी बनावय। काबरकि यीसू ह ओ जन ए, जेकर दुवारा ओमन उद्धार पाथें। 11 जऊन ह मनखेमन ला पबितर करथे अऊ जऊन मन पबितर करे जाथें; ए दूनों एक ही परिवार के अंय। एकरसेति, यीसू ह ओमन ला अपन भाई कहे ले नइं लजावय। 12 ओह कहिथे,

“हे परमेसर, मेंह अपन भाईमन ला तोर बारे म बताहूं;
    सभा के आघू म तोर परसंसा के गीत गाहूं।”[c]

13 ओह फेर कहिथे,

“मेंह ओकर ऊपर अपन भरोसा रखहूं।”

अऊ ओह फेर कहिथे,

“इहां मेंह लइकामन संग हवंव, जऊन मन ला परमेसर मोला दे हवय।”[d]

14 जब लइकामन मांस अऊ लहू के बने हवंय, त यीसू ह खुद ओमन के सहीं बनिस अऊ ओमन के मनखे सुभाव म भागी होईस, ताकि अपन मिरतू के दुवारा, ओह सैतान के नास करय, जेकर करा मिरतू के सक्ति हवय – 15 अऊ ओह ओमन ला छोंड़ावय, जऊन मन अपन मिरतू के डर के कारन जिनगी भर गुलामी म रिहिन। 16 काबरकि ए बात ह पक्‍का ए कि ओह स्वरगदूतमन के नइं, पर अब्राहम के संतानमन के मदद करथे। 17 एकरसेति, ओला हर किसम ले अपन भाईमन सहीं बने बर पड़िस, ताकि ओह परमेसर के सेवा म, एक दयालु अऊ बिसवास लइक महा पुरोहित बनय अऊ ओह मनखेमन के पाप के समाधान (पछताप) करय। 18 काबरकि जब ओकर परिछा करे गीस, त ओह खुद दुःख उठाईस, एकरसेति ओह ओमन के मदद कर सकथे, जऊन मन परिछा म पड़थें।

Footnotes

  1. 2:6 इहां “मनखे के बेटा” के मतलब घलो “मनखे” हो सकथे।
  2. 2:6-8 भजन-संहिता 8:4-6
  3. 2:12 भजन-संहिता 22:22
  4. 2:13 यसायाह 8:17