Add parallel Print Page Options

याजक मसीह द्वारा आराधना

बड़ी सच्चाई यह है: हमारे महायाजक वह हैं, जो स्वर्ग में महामहिम के दायें पक्ष में बैठे हैं, जो वास्तविक मन्दिर में सेवारत हैं, जिसका निर्माण किसी मानव ने नहीं, स्वयं प्रभु ने किया है.

हर एक महायाजक का चुनाव भेंट तथा बलि-अर्पण के लिए किया जाता है. इसलिए आवश्यक हो गया कि इस महायाजक के पास भी अर्पण के लिए कुछ हो. यदि मसीह येशु पृथ्वी पर होते, वह याजक हो ही नहीं सकते थे क्योंकि यहाँ व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाने के लिए याजक हैं. ये वे याजक हैं, जो स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप तथा प्रतिबिम्ब मात्र की आराधना करते हैं, क्योंकि मोशेह को, जब वह तम्बू का निर्माण करने पर थे, परमेश्वर के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी: यह ध्यान रखना कि तुम तम्बू का निर्माण ठीक-ठीक वैसा ही करो, जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था, किन्तु अब मसीह येशु ने अन्य याजकों की तुलना में कहीं अधिक अच्छी सेवकाई प्राप्त कर ली है: अब वह एक उत्तम वाचा के मध्यस्थ भी हैं, जिसका आदेश उत्तम प्रतिज्ञाओं पर हुआ है.

यदि वह पहिली वाचा निर्दोष होती तो दूसरी की ज़रूरत ही न होती. स्वयं परमेश्वर ने उस पीढ़ी को दोषी पाकर यह कहा:

“वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल
    और यहूदाह के गोत्रों के साथ
एक नई वाचा बांधूंगा;
    यह प्रभु का कथन है.
वैसी नहीं, जैसी मैंने उनके पूर्वजों से उस समय की थी,
    जब मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था,
क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे,
    इसलिए मैं उनसे दूर हो गया,
            यह प्रभु का कहना है.
10 उन दिनों के बाद, इस्राएल के वंश के साथ
    जो वाचा मैं स्थापित करूँगा, वह यह है,
यह प्रभु का कहना है.
    मैं उनके मस्तिष्क में अपनी व्यवस्था भर दूँगा,
इसे मैं उनके हृदय पर लिख दूँगा.
    मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे सब मेरी प्रजा.
11 वे अपने नागरिकों को शिक्षा नहीं देंगे
    और न अपने भाइयों से कहेंगे,
‘प्रभु को जानो,’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े
    तक सभी मुझे जानेंगे.
12 उनके अपराधों के प्रति मैं दया से भरा रहूँगा तथा
    मैं उनके पाप कभी भी याद न करूँगा.”

13 जब परमेश्वर एक नई वाचा का वर्णन कर रहे थे, तब उन्होंने पहिले को अनुपयोगी घोषित कर दिया. जो कुछ अनुपयोगी तथा जीर्ण हो रहा है, वह नष्ट होने पर है.

नए वाचा का प्रमुख याजक

जो कुछ हम कह रहे हैं, उसकी मुख्य बात यह है: निश्चय ही हमारे पास एक ऐसा महायाजक है जो स्वर्ग में उस महा महिमावान के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान है। वह उस पवित्र गर्भगृह में यानी सच्चे तम्बू में जिसे परमेश्वर ने स्थापित किया था, न कि मनुष्य ने, सेवा कार्य करता है।

प्रत्येक महायाजक को इसलिए नियुक्त किया जाता है कि वह भेटों और बलिदानों-दोनों को ही अर्पित करे। और इसलिए इस महायाजक के लिए भी यह आवश्यक था कि उसके पास भी चढ़ावे के लिए कुछ हो। यदि वह धरती पर होता तो वह याजक नहीं हो पाता क्योंकि वहाँ पहले से ही ऐसे व्यक्ति हैं जो व्यवस्था के विधान के अनुसार भेंट चढ़ाते हैं। पवित्र उपासना स्थान में उनकी सेवा-उपासना स्वर्ग के यथार्थ की एक छाया प्रतिकृति है। इसलिए जब मूसा पवित्र तम्बू का निर्माण करने ही वाला था, तभी उसे चेतावनी दे दी गयी थी। “ध्यान रहे कि तू हर वस्तु ठीक उसी प्रतिरूप के अनुसार बनाए जो तुझे पर्वत पर दिखाया गया था।”(A) किन्तु जो सेवा कार्य यीशु को प्राप्त हुआ है, वह उनके सेवा कार्य से श्रेष्ठ है। क्योंकि वह जिस वाचा का मध्यस्थ है वह पुराने वाचा से उत्तम है और उत्तम वस्तुओं की प्रतिज्ञाओं पर आधारित है।

क्योंकि यदि पहली वाचा में कोई भी खोट नहीं होता तो दूसरे वाचा के लिए कोई स्थान ही नहीं रह जाता। किन्तु परमेश्वर को उन लोगों में खोट मिला। उसने कहा:

“प्रभु घोषित करता है: वह समय आ रहा जब
    मैं इस्राएल के घराने से और यहूदा के घराने से एक नयी वाचा करूँगा।
यह वाचा वैसा नहीं होगा जैसा मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस समय किया था।
    जब मैंने उनका हाथ मिस्र से निकाल लाने पकड़ा था।
क्योंकि प्रभु कहता है, वे मेरे वाचा के विश्वासी नहीं रहे।
    मैंने उनसे मुँह फेर लिया।
10 यह है वह वाचा जिसे मैं इस्राएल के घराने से करूँगा।
    और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है।
उनके मनों में अपनी व्यवस्था बसाऊँगा,
    उनके हृदयों पर मैं उसको लिख दूँगा।
मैं उनका परमेश्वर बनूँगा,
    और वे मेरे जन होंगे।
11 फिर तो कभी कोई भी जन अपने पड़ोसी को एैसे न सिखाएगा अथवा कोई जन अपने बन्धु से न कभी कहेगा तुम प्रभु को पहचानो।
क्योंकि तब तो वे सभी छोटे से लेकर बड़े से बड़े तक मुझे जानेंगे।
12 क्योंकि मैं उनके दुष्कर्मों को
    क्षमा करूँगा और कभी उनके पापों को याद नहीं रखूँगा।”(B)

13 इस वाचा को नया कह कर उसने पहले को व्यवहार के अयोग्य ठहराया और जो पुराना पड़ रहा है तथा व्यवहार के अयोग्य है, वह तो फिर शीघ्र ही लुप्त हो जाएगा।