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यीसू ह बारह चेलामन ला पठोथे

(मत्ती 10:5-15; मरकुस 6:7-13)

यीसू ह अपन बारह प्रेरितमन ला एक संग बलाईस, अऊ ओह ओमन ला जम्मो परेत आतमामन ला निकारे अऊ बेमारीमन ला ठीक करे के सामरथ अऊ अधिकार दीस, अऊ ओह ओमन ला परमेसर के राज के परचार करे बर अऊ बेमरहामन ला बने करे बर पठोईस। ओह ओमन ला कहिस, “डहार बर कुछू झन लेवव – न चले के लउठी, न झोला, न रोटी, न रूपिया-पईसा, अऊ न अतकिहा कुरता रखव। जऊन घर म तुमन जाथव, उहेंच ठहरव जब तक कि ओ सहर ले बिदा नइं होवव। अऊ जिहां मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय, त जब ओ सहर ले जावव, त अपन गोड़ के धूर्रा ला झार देवव ताकि एह ओमन के बिरोध म एक गवाही होवय।” चेलामन उहां ले चल दीन, अऊ ओमन गांव-गांव म सुघर संदेस के परचार करत अऊ हर एक जगह मनखेमन ला बेमारी ले ठीक करत गीन।

गलील म राज करइया हेरोदेस ह जऊन कुछू होवत रहय, ओ जम्मो के बारे म सुनिस, त ओह दुगधा म पड़ गीस, काबरकि कुछू मनखेमन कहत रिहिन कि यूहन्ना ह मरे मन ले जी उठे हवय; आने मन कहत रिहिन कि एलियाह ह परगट होय हवय, जबकि अऊ आने मन कहंय कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय। पर हेरोदेस ह कहिस, “मेंह यूहन्ना के मुड़ ला कटवाय रहेंव। पर ए मनखे कोन ए, जेकर बारे म मेंह अइसने बात सुनत हवंव।” अऊ ओह यीसू ला देखे के कोसिस करिस।

यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे

(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; यूहन्ना 6:1-14)

10 जब प्रेरितमन लहुंटके आईन, त जऊन कुछू ओमन करे रिहिन, ओ जम्मो बात यीसू ला बताईन। तब यीसू ह ओमन ला अपन संग लीस अऊ ओमन बैतसैदा नांव के एक सहर म चल दीन। 11 पर मनखेमन के भीड़ ला ए बात के पता चल गीस अऊ ओमन ओकर पाछू गीन। यीसू ह ओमन के सुवागत करिस अऊ ओमन ले परमेसर के राज के बारे म गोठियाय लगिस अऊ जऊन मन बेमारी ले बने होय चाहत रिहिन, ओमन ला चंगा करिस।

12 जब बेरा ह ढरक गे, तब बारहों चेलामन यीसू करा आके कहिन, “ए भीड़ ला जावन दे ताकि ओमन आस-पास के गांव अऊ बस्ती म जावंय, अऊ अपन खाय अऊ रहे के परबंध करंय, काबरकि हमन इहां सुनसान जगह म हवन।”

13 पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।”

ओमन कहिन, “हमर करा सिरिप पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय। का तेंह चाहथस कि हमन जाके ए जम्मो भीड़ बर खाना बिसोवन?” 14 (उहां करीब पांच हजार मरद रिहिन।)

पर यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “मनखेमन ला करीब पचास-पचास के दल बनाके बईठा देवव।” 15 चेलामन अइसनेच करिन अऊ ओमन जम्मो झन ला बईठा दीन। 16 तब यीसू ह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्‍वरग कोति देखके ओह परमेसर ला धनबाद दीस, अऊ रोटी अऊ मछरी मन ला टोरिस अऊ चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय। 17 ओ जम्मो झन खाके अघा गीन, अऊ चेलामन बांचे कुटकामन के बारह टुकना भर के उठाईन।

पतरस के यीसू ला स्वीकार करई

(मत्ती 16:13-20; मरकुस 8:27-30)

18 एक दिन यीसू ह एके झन पराथना करत रिहिस अऊ ओकर चेलामन ओकर संग रिहिन, त ओह ओमन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?”

19 ओमन जबाब दीन, “कुछू मनखेमन कहिथें – यूहन्ना बतिसमा देवइया; पर आने मन कहिथें – एलियाह; जबकि अऊ आने मन कहिथें कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय।”

20 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला कोन ए कहिथव?”

पतरस ह जबाब दीस, “तेंह परमेसर के मसीह अस।”

21 यीसू ह ओमन ला बने करके चेताके कहिस कि ओमन ए बात कोनो ला झन बतावंय। 22 अऊ ओह कहिस, “एह जरूरी ए कि मनखे के बेटा ह बहुंत दुःख भोगय अऊ अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन के दुवारा तिरस्‍कार करे जावय, अऊ जरूरी ए कि ओह मार डारे जावय अऊ तीसरा दिन जी उठय।”

23 अऊ ओह ओ जम्मो झन ला कहिस, “यदि कोनो मोर पाछू आय चाहथे, त एह जरूरी ए कि ओह अपन ईछामन ला मारय अऊ हर दिन दुःख उठाय के मन रखय अऊ मोर पाछू चलय। 24 काबरकि जऊन कोनो अपन जिनगी ला बचाय चाहथे, ओह ओला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर बर अपन जिनगी ला गंवाय चाहथे, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाही। 25 यदि एक मनखे ह जम्मो संसार ला पा जाथे, पर परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी ला गंवा देथे, त ओला का लाभ? 26 यदि कोनो मोर ले अऊ मोर बचन ले लजाथे, त मनखे के बेटा घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन महिमा अऊ ददा अऊ पबितर स्वरगदूतमन के महिमा के संग आही। 27 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, इहां कुछू झन ठाढ़े हवंय, ओमन जब तक परमेसर के राज ला नइं देख लिहीं, तब तक ओमन नइं मरंय।”

यीसू के रूप बदलथे

(मत्ती 17:1-8; मरकुस 9:2-8)

28 यीसू के ए कहे के करीब आठ दिन के बाद, ओह पतरस, यूहन्ना, अऊ याकूब ला अपन संग लीस अऊ एक ठन पहाड़ म पराथना करे बर गीस। 29 जब ओह पराथना करत रिहिस, त ओकर चेहरा के रूप ह बदल गीस अऊ ओकर कपड़ा ह पंडरा होके बहुंत चमके लगिस। 30 अऊ दू झन मनखे मूसा अऊ एलियाह महिमा म परगट होईन अऊ यीसू संग गोठियावत रिहिन। 31 ओमन यीसू के मरे के समय के बारे म बातचीत करत रिहिन, जऊन ला यीसू ह यरूसलेम म पूरा करइया रिहिस। 32 पतरस अऊ ओकर संगवारीमन बहुंत नींद म रहंय, पर जब ओमन जागिन, त ओमन यीसू के महिमा अऊ दू झन मनखे ला ओकर संग ठाढ़े देखिन। 33 जब दूनों मनखे ओकर करा ले जाय लगिन, तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे मालिक, हमन के इहां रहई बने ए। हमन तीन ठन मंडप बनाथन – एक तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक ठन एलियाह बर।” (ओह नइं जानय कि ओह का कहत रिहिस।)

34 जब ओह गोठियावत रिहिस, त एक बादर आईस अऊ ओमन ला ढांप लीस अऊ ओमन डर्रा गीन जब ओमन बादर म हमाईन। 35 बादर म ले ए अवाज आईस, “एह मोर बेटा ए, जऊन ला मेंह चुने हवंव; एकर बात ला सुनव।” 36 जब अवाज ह बंद हो गीस, त ओमन यीसू ला एके झन पाईन। चेलामन ए बात ला अपन म रखिन, अऊ जऊन कुछू ओमन देखे रिहिन, ओला ओ समय कोनो ला नइं बताईन।

यीसू ह परेत आतमा धरे एक टूरा ला बने करथे

(मत्ती 17:14-18; मरकुस 9:14-27)

37 दूसर दिन जब ओमन पहाड़ ले उतरिन, त एक बड़े भीड़ ह यीसू ले मिलिस। 38 भीड़ म ले एक मनखे ह चिचियाके कहिस, “हे गुरू, मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोर बेटा ला देख; ओह मोर एके झन लइका ए। 39 एक परेत आतमा ओला पकड़थे अऊ ओह अचानक चिचियाथे; ओह ओला अइसने अइंठथे कि ओकर मुहूं ले झाग निकरथे; ओह ओला मुसकुल से छोंड़थे अऊ ओह ओला नास करत हवय। 40 मेंह तोर चेलामन ले बिनती करेंव कि ओमन ओला निकार देवंय, पर ओमन ओला नइं निकार सकिन।”

41 यीसू ह जबाब दीस, “ए अबिसवासी अऊ ढीठ पीढ़ी के मन, कब तक मेंह तुम्‍हर संग रहिहूं अऊ तुम्‍हर सहत रहिहूं? तोर बेटा ला इहां लान।”

42 जब छोकरा ह आवत रिहिस, त परेत आतमा ह ओला भुइयां म पटकके अइंठिस। पर यीसू ह परेत आतमा ला दबकारिस अऊ ओ छोकरा ला बने करिस अऊ ओला ओकर ददा ला सऊंप दीस। 43 अऊ ओमन जम्मो झन परमेसर के महान सामरथ ला देखके चकित हो गीन।

जब जम्मो झन यीसू के काम ला देखके अचम्भो करत रिहिन, त ओह अपन चेलामन ला कहिस, 44 “जऊन बात मेंह तुमन ला कहइया हंव, ओला धियान देके सुनव: मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म सऊंपे जवइया हवय।” 45 पर ओमन नइं जानिन कि एकर का मतलब ए। एला ओमन ले छुपाय गे रिहिस, ताकि ओमन एला झन समझंय अऊ ओमन एकर बारे म यीसू ले पुछे बर डर्रावत रिहिन।

सबले बड़े कोन ए?

(मत्ती 18:1-5; मरकुस 9:33-37)

46 चेलामन के बीच म ए बहस होय लगिस कि ओमन म सबले बड़े कोन होही? 47 यीसू ह ओमन के मन के बिचार ला जानके, एक छोटे लइका ला लीस अऊ अपन बाजू म ठाढ़ करिस 48 अऊ ओमन ला कहिस, “जऊन कोनो ए छोटे लइका ला मोर नांव म गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे; अऊ जऊन कोनो मोला गरहन करथे, ओह ओला गरहन करथे, जऊन ह मोला पठोय हवय। काबरकि जऊन ह तुम्‍हर जम्मो झन के बीच म सबले छोटे ए, ओही ह सबले बड़े ए।”

49 यूहन्ना ह कहिस, “हे मालिक, हमन एक मनखे ला तोर नांव म परेत आतमामन ला निकारत देखेन अऊ हमन ओला अइसने करे बर मना करेन, काबरकि ओह हमन म ले नो हय।”

50 यीसू ह कहिस, “ओला झन रोकव, काबरकि जऊन ह तुम्‍हर बिरोध म नइं ए, ओह तुम्‍हर कोति हवय।”

सामरी मनखेमन यीसू के बिरोध करथें

51 जब यीसू के स्‍वरग म उठाय जाय के दिन ह लकठा आईस, त ओह यरूसलेम जाय बर पूरा ठान लीस, 52 अऊ ओह अपन आघू संदेसियामन ला पठोईस। ओमन सामरीमन के एक ठन गांव म गीन कि यीसू बर जम्मो चीज ला तियार करंय[a], 53 पर मनखेमन उहां यीसू ला स्वीकार नइं करिन, काबरकि ओह यरूसलेम जावत रिहिस। 54 जब यीसू के चेला याकूब अऊ यूहन्ना एला देखिन, त ओमन कहिन, “हे परभू, का तेंह चाहथस कि हमन हुकूम देवन कि अकास ले आगी गिरय अऊ ए सामरीमन ला नास कर देवय।” 55 पर यीसू ह पलटिस अऊ ओमन ला दबकारिस, 56 अऊ ओमन आने गांव ला चल दीन।

यीसू के पाछू चले के कीमत

(मत्ती 8:19-22)

57 जब ओमन डहार म जावत रिहिन, त एक मनखे ह यीसू ला कहिस, “तेंह जहां कहूं घलो जाबे, मेंह तोर पाछू-पाछू चलहूं।”

58 यीसू ह ओला कहिस, “कोलिहामन के बिल अऊ अकास के चिरईमन के बसेरा हवय, पर मनखे के बेटा के मुड़ ला थेबे बर घलो जगह नइं ए।”

59 यीसू ह आने मनखे ला कहिस, “मोर पाछू हो ले।”

पर ओ मनखे ह जबाब दीस, “हे परभू, पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन मरे ददा ला माटी दे देवंव।”

60 यीसू ह ओला कहिस, “मुरदामन ला छोंड़ कि ओमन अपन मरे मन ला माटी देवंय, पर तेंह जा अऊ परमेसर के राज के परचार कर।”

61 एक अऊ मनखे ह कहिस, “मेंह तोर पाछू चलहूं, परभू; पर पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन परिवार के मनखेमन ले बिदा होके आवंव।”

62 यीसू ह ओला कहिस, “जऊन कोनो नांगर जोते के सुरू करथे अऊ बार-बार पाछू ला देखथे, ओह परमेसर के राज के लइक नो हय।”

Footnotes

  1. 9:52 सामरीमन सुध रूप म यहूदी नइं रिहिन। कुछू यहूदीमन आनजातमन ले बिहाव कर ले रिहिन। ए सामरीमन ओमन के संतान रिहिन। एकरसेति यहूदीमन एमन ला असुध समझंय अऊ एमन ला यरूसलेम के मंदिर म अराधना करे बर नइं देवंय।