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झूठे शिक्षक

पवित्रात्मा का स्पष्ट कथन यह है कि अन्त के समय में कुछ व्यक्ति विश्वास का त्याग कर देंगे और वे धूर्त आत्माओं तथा दुष्टात्माओं की शिक्षाओं पर मन लगाएँगे. यह उन झूठे मनुष्यों के दिखावे की शिक्षाओं के कारण होगा, जिनके विवेक में मानो जलते हुए लोहे से मुहर लगा दी गई हों. ये वे हैं, जो विवाह करने से रोकते हैं, भोजन पदार्थों को भी त्यागने की माँग करते हैं, जिन्हें परमेश्वर ने विश्वासियों और सच्चाई को जानने वाले व्यक्तियों की भलाई के लिए इसलिए बनाया है कि धन्यवाद के साथ मिलजुल कर खाया जाएँ. परमेश्वर की बनाई हुई हर एक वस्तु अच्छी है, कोई भी वस्तु अस्वीकार करने योग्य नहीं—यदि उसे धन्यवाद के साथ स्वीकार किया जाए, क्योंकि वह परमेश्वर के वचन तथा प्रार्थना द्वारा शुद्ध की जाती है.

विश्वासियों को इन बातों का अहसास कराने के द्वारा तुम स्वयं को मसीह येशु का आदर्श सेवक साबित करोगे, जिसका पोषण निरन्तर विश्वास के वचन तथा अच्छे उपदेशों की बातों के द्वारा होता है, जिसका तुम पालन करते आए हो. सांसारिक तथा काल्पनिक कथाओं से दूर रहो, इसके विपरीत तुम अपने आप को परमेश्वर की भक्ति के लिए अनुशासित कर लो. शारीरिक व्यायाम सिर्फ थोड़े लाभ का है जबकि परमेश्वर-भक्ति का लाभ सब बातों में है क्योंकि वह जीवन का आश्वासन देती है—इस समय और आनेवाले जीवन, दोनों का.

यह बात सच है, जो हर प्रकार से मानने योग्य है: 10 हम उसी के लिए परिश्रम तथा संघर्ष करते हैं क्योंकि हमने अपनी आशा जीवित परमेश्वर पर लगाई है, जो सब मनुष्यों के उद्धारकर्ता हैं, विशेषकर उनके, जो विश्वास करते हैं.

11 तुम्हारे आदेशों और शिक्षाओं के विषय ये ही हों. 12 तुलना में कम आयु के कारण कोई तुम्हें तुच्छ न समझे परन्तु बातचीत, स्वभाव, प्रेम, विश्वास तथा पवित्रता में मसीह के विश्वासियों का आदर्श बनो. 13 मेरे वहाँ पहुँचने तक पवित्रशास्त्र के सार्वजनिक रीति से पढ़ने, उपदेश तथा शिक्षा पाने में लीन रहो. 14 अंदर बसे हुए पवित्रात्मा द्वारा दी गई क्षमता की उपेक्षा न करो, जो तुम्हें भविष्यवाणी के द्वारा उस समय प्रदान की गई, जब कलीसिया के पुरनियों ने तुम पर हाथ रखे.

15 इन निर्देशों पर विशेष ध्यान दो, इनमें लीन हो जाओ कि तुम्हारी उन्नति सब पर प्रकट हो जाए. 16 अपना और सिद्धान्त-शिक्षा का पूरी शक्ति से ध्यान रखो. इसमें लगातार चौकस रहो क्योंकि तुम ऐसा करने के द्वारा दोनों का उद्धार निश्चित करोगे—स्वयं अपना तथा अपने सुननेवालों का.

झूठे उपदेशकों से सचेत रहो

आत्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आगे चल कर कुछ लोग भटकाने वाले झूठे भविष्यवक्ताओं के उपदेशों और दुष्टात्माओं की शिक्षा पर ध्यान देने लगेंगे और विश्वास से भटक जायेंगे। उन झूठे पाखण्डी लोगों के कारण ऐसा होगा जिनका मन मानो तपते लोहे से दाग दिया गया हो। वे विवाह का निषेध करेंगे। कुछ वस्तुएँ खाने को मना करेंगे जिन्हें परमेश्वर के विश्वासियों तथा जो सत्य को पहचानते हैं, उनके लिए धन्यवाद देकर ग्रहण कर लेने को बनाया गया है। क्योंकि परमेश्वर की रची हर वस्तु उत्तम है तथा कोई भी वस्तु त्यागने योग्य नहीं है बशर्ते उसे धन्यवाद के साथ ग्रहण किया जाए। क्योंकि वह परमेश्वर के वचन और प्रार्थना से पवित्र हो जाती है।

मसीह के उत्तम सेवक बनो

यदि तुम भाइयों को इन बातों का ध्यान दिलाते रहोगे तो मसीह यीशु के ऐसे उत्तम सेवक ठहरोगे जिसका पालन-पोषण, विश्वास के द्वारा और उसी सच्ची शिक्षा के द्वारा होता है जिसे तूने ग्रहण किया है। बुढ़ियाओं की परमेश्वर विहीन कल्पित कथाओं से दूर रहो तथा परमेश्वर की सेवा के लिए अपने को साधने में लगे रहो। क्योंकि शारीरिक साधना से तो थोड़ा सा ही लाभ होता है जबकि परमेश्वर की सेवा हर प्रकार से मूल्यवान है क्योंकि इसमें आज के समय और आने वाले जीवन के लिए दिया गया आशीर्वाद समाया हुआ है। इस बात पर पूरी तरह निर्भर किया जा सकता है और यह पूरी तरह ग्रहण करने योग्य है। 10 और हम लोग इसलिए कठिन परिश्रम करते हुए जूझते रहते हैं। हमने अपनी आशाएँ सबके, विशेष कर विश्वासियों के, उद्धारकर्त्ता सजीव परमेश्वर पर टिका दी हैं।

11 इन्हीं बातों का आदेश और उपदेश दो। 12 तू अभी युवक है। इसी से कोई तुझे तुच्छ न समझे। बल्कि तू अपनी बात-चीत, चाल-चलन, प्रेम-प्रकाशन, अपने विश्वास और पवित्र जीवन से विश्वासियों के लिए एक उदाहरण बन जा।

13 जब तक मैं आऊँ तू शास्त्रों के सार्वजनिक पाठ करने, उपदेश और शिक्षा देने में अपने आप को लगाए रख। 14 तुझे जो वरदान प्राप्त है, तू उसका उपयोग कर यह तुझे नबियों की भविष्यवाणी के परिणामस्वरूप बुज़ुर्गों के द्वारा तुझ पर हाथ रख कर दिया गया है। 15 इन बातों पर पूरा ध्यान लगाए रख। इन ही में स्थित रह ताकि तेरी प्रगति सब लोगों के सामने प्रकट हो। 16 अपने जीवन और उपदेशों का विशेष ध्यान रख। उन ही पर टिका रह क्योंकि ऐसा आचरण करते रहने से तू स्वयं अपने आपका और अपने सुनने वालों का उद्धार करेगा।