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कलीसिया म गुटबंदी

हे भाईमन हो, मेंह तुमन ले वइसने बात नइं कर सकेंव, जइसने मेंह आतमिक मनखेमन ले करथंव, पर मेंह तुमन ले वइसने बात करेंव, जइसने कि संसारिक मनखे अऊ जऊन मन मसीही बिसवास म लइका एं, ओमन ले करे जाथे। मेंह तुमन ला गोरस पियाएंव, ठोस आहार नइं खवाएंव, काबरकि तुमन एकर बर तियार नइं रहेव। वास्तव म, तुमन अभी घलो ठोस आहार बर तियार नइं अव। तुमन अभी घलो संसारिक मनखे हव। जब तुमन एक-दूसर ले जलन रखथव अऊ तुमन एक-दूसर ले झगरा करथव, त का तुमन संसारिक मनखे नो हव? का तुमन सधारन मनखेमन सहीं नइं चलथव? काबरकि जब एक झन कहिथे, “मेंह पौलुस के अंव” अऊ दूसर झन कहिथे, “मेंह अपुल्‍लोस के अंव”, त का तुमन सधारन मनखे नो हव?

अपुल्‍लोस ह कोन ए? अऊ पौलुस ह कोन ए? हमन सिरिप परमेसर के सेवक अन, जेकर दुवारा तुमन बिसवास म आय हवव, जइसने कि परभू ह हमन ले हर एक ला ओकर काम सऊंपे हवय। मेंह बीजा ला बोएंव, अपुल्‍लोस ह एम पानी डारिस, पर परमेसर ह एला बढ़ाईस। एकरसेति, न तो बोवइया अऊ न तो पानी डलइया कुछू अंय, पर सिरिप परमेसर के महत्‍व हवय, जऊन ह पौधा ला बढ़ाथे। जऊन ह बोथे अऊ जऊन ह पानी डारथे, ए दूनों के एकेच उदेस्य ए। परमेसर ह हर एक ला ओकर मिहनत के हिसाब ले इनाम दिही। काबरकि हमन परमेसर के सेवा म सह-करमी अन; तुमन परमेसर के खेत अऊ परमेसर के भवन अव।

10 परमेसर ह मोला अनुग्रह दीस अऊ ओ अनुग्रह के मुताबिक, मेंह एक कुसल घर बनइया के रूप म नीव डारेंव, अऊ आने मन ओकर ऊपर घर बनावत हवंय। पर हर एक झन सचेत रहय कि ओह कइसने घर बनावत हवय। 11 काबरकि पहिली ले एक नीव डारे गे हवय, जऊन ह यीसू मसीह ए, अऊ ए नीव के छोंड़ कोनो अऊ आने नीव नइं डार सकंय। 12 कहूं कोनो मनखे ए नीव ऊपर सोना, चांदी, कीमती पथरा, कठवा, कांदी या पैंरा डारके घर बनाथे, 13 त ओकर काम ह उजागर हो जाही; मसीह ह एला ओ दिन अंजोर म लानही, जब ओह लहुंटके आही। एह आगी के संग परगट करे जाही, अऊ आगी ह हर एक मनखे के काम ला परखही कि ओह कइसने हवय। 14 ए जांच म, कहूं ओ मनखे के काम ह बने रहिथे, त ओह इनाम पाही। 15 पर कहूं ओकर काम ह जर जाथे, त ओला नुकसान होही; ओह खुद तो बच जाही, पर अइसने बचही, जइसने कोनो आगी म जरत-जरत बचथे।

16 का तुमन नइं जानव कि तुमन खुद परमेसर के मंदिर अव अऊ परमेसर के आतमा तुमन म रहिथे। 17 यदि कोनो परमेसर के मंदिर ला नास करथे, त परमेसर ह ओला नास करही; काबरकि परमेसर के मंदिर ह तो पबितर ए, अऊ तुमन ओ मंदिर अव।

18 अपन-आप ला धोखा झन देवव। कहूं तुमन ले कोनो ए संसार के सोच के मुताबिक अपन-आप ला बुद्धिमान समझथे, त ओला मुरुख बन जाना चाही ताकि ओह सही म बुद्धिमान बन सकय। 19 काबरकि ए संसार के बुद्धि ह परमेसर के नजर म मूर्खता ए। जइसने कि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय, “परमेसर ह बुद्धिमानमन ला ओहीच मन के चतुरई म फंसो देथे।”[a] 20 अऊ ए घलो लिखे हवय, “परभू ह जानथे कि बुद्धिमानमन के बिचार ह बेकार अंय।”[b] 21 एकरसेति मनखेमन ऊपर कोनो घमंड झन करय। जम्मो चीज ह तुम्‍हर ए, 22 चाहे ओह पौलुस ए या अपुल्‍लोस या पतरस (कैफा) या ए संसार या जिनगी या मिरतू या ए जुग या अवइया जुग – ए जम्मो ह तुम्‍हर ए; 23 अऊ तुमन मसीह के अव अऊ मसीह परमेसर के अय।

Footnotes

  1. 3:19 अयूब 5:13
  2. 3:20 भजन-संहिता 94:11