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बिसवासीमन के बीच म मुकदमा

यदि तुमन ले काकरो अपन संगी बिसवासी के संग कोनो बिवाद हवय, त ओह अबिसवासीमन करा नियाय बर जाय के हिम्मत कइसने करथे; एकर बनिस‍पत कि ओह संतमन (बिसवासीमन) ले ए झगरा के निपटारा करवाय? का तुमन नइं जानव कि परमेसर के मनखेमन संसार के नियाय करहीं? अऊ जबकि तुमन ला संसार के नियाय करना हवय, त का तुमन छोटे-छोटे झगरा के निपटारा करे के लइक नो हव? का तुमन नइं जानव कि हमन स्वरगदूतमन के नियाय करबो? त ए जिनगी के समस्या ला तुमन ला असानी से निपटाना चाही। एकरसेति, यदि तुम्‍हर बीच म अइसने बिवाद हवय, त तुमन नियाय करइया के रूप म ओमन ला ठहिरावव, जऊन मन कलीसिया म कम महत्‍व के समझे जाथें। मेंह ए बात एकरसेति कहथंव कि तुमन ला कुछू तो सरम होवय। का ए हालत हो गे हवय कि तुम्‍हर बीच म अइसने कोनो बुद्धिमान मनखे नइं ए, जऊन ह बिसवासी भाईमन म झगरा के निपटारा कर सकय? पर एकर बदले एक भाई ह दूसर भाई के बिरोध म अदालत जाथे अऊ अबिसवासीमन एकर नियाय करथें।

तुम्‍हर बीच म मुकदमा होथे; एकर मतलब ए अय कि तुमन पूरा-पूरी हार मान ले हवव। तुमन खुद अनियाय काबर नइं सहव? तुमन खुद हानि काबर नइं उठावव? एकर बदले कि तुमन खुद अनियाय करथव अऊ हानि पहुंचाथव, अऊ ओ भी अपन भाईमन ला।

का तुमन नइं जानव कि दुस्‍ट मनखेमन परमेसर के राज के वारिस नइं हो सकंय? धोखा झन खावव। न तो छिनारी करइया, न मूरती-पूजा करइया, न दूसर के माईलोगन संग बेभिचार करइया, न पुरूस बेस्या, न संगी-बेभिचारी, 10 न चोर, न लोभी, न मतवाल, न बदनामी करइया अऊ न तो धोखेबाजमन परमेसर के राज के वारिस होहीं। 11 तुमन ले कुछू मनखेमन अइसने रिहिन। पर परभू यीसू मसीह के नांव म अऊ हमर परमेसर के आतमा के दुवारा तुमन ला धोय गे हवय, तुमन ला पाप ले सुध करे गे हवय अऊ तुमन ला धरमी ठहिराय गे हवय।

बेभिचार

12 “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “मोला कुछू भी चीज करे के अनुमती हवय” – पर मेंह कोनो भी चीज के गुलाम नइं बनंव। 13 “भोजन ह पेट खातिर अऊ पेट ह भोजन खातिर अय” – पर परमेसर ह ए दूनों ला नास करही। देहें ह बेभिचार करे बर नो हय, पर परभू के सेवा करे बर अय अऊ परभू ह देहें के खियाल रखथे। 14 परमेसर ह अपन सामरथ ले परभू ला मरे म ले जियाईस, अऊ ओह हमन ला घलो जियाही। 15 का तुमन नइं जानव कि तुम्‍हर देहें ह मसीह के अंग ए? त का मेंह मसीह के अंग ला लेके बेस्या के संग जोड़ंव? अइसने कभू नइं होवय। 16 का तुमन नइं जानव कि जऊन ह अपन-आप ला एक बेस्या के संग जोड़थे, ओह ओकर संग म एकेच तन हो जाथे? काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “ओ दूनों एक तन हो जाहीं।”[a] 17 पर जऊन ह अपन-आप ला परभू के संग जोड़थे, ओह ओकर संग आतमा म एक हो जाथे।

18 एकरसेति छिनारी ले दूर रहव। आने जम्मो पाप जऊन ला मनखे ह करथे, ओह ओकर देहें के बाहिर होथे, पर जऊन ह छिनारी करथे, ओह अपन खुद के देहें के बिरोध म पाप करथे। 19 का तुमन नइं जानव कि तुम्‍हर देहें ह पबितर आतमा के मंदिर ए, जऊन ह तुमन म रहिथे अऊ जऊन ला परमेसर ह तुमन ला दे हवय? तुमन अपन खुद के नो हव। 20 परमेसर ह दाम देके तुमन ला बिसोय हवय। एकरसेति, अपन देहें के दुवारा परमेसर के आदर करव।

Footnotes

  1. 6:16 उतपत्ती 2:24