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13 खुराजीन के मनखेमन, तुम्‍हर ऊपर धिक्‍कार ए! बैतसैदा के मनखेमन, तुम्‍हर ऊपर धिक्‍कार ए! काबरकि जऊन चमतकार के काम तुमन म करे गीस, यदि एह सूर अऊ सैदा सहरमन म करे गे होतिस, त उहां के रहइयामन बहुंत पहिली टाट ओढ़के, राख म बईठके पछताप कर चुके होतिन। 14 पर परमेसर ह नियाय के दिन सूर अऊ सैदा सहर के मनखेमन ऊपर जादा दया करही, एकर बनिस‍पत कि तुम्‍हर ऊपर। 15 अऊ तुमन, कफरनहूम के मनखेमन, का तुमन ला स्‍वरग तक ऊपर उठाय जाही? नइं, तुमन ला खाल्‍हे नरक म लाने जाही।”

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