मत्ती 13:10-17
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)
10 चेलामन यीसू करा आके ओकर ले पुछिन, “तेंह मनखेमन संग पटंतर म काबर गोठियाथस?” 11 ओह जबाब दीस, “स्वरग राज के भेद के गियान तुमन ला देय गे हवय, पर ओमन ला नइं।[a] 12 काबरकि जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही अऊ ओकर करा बहुंत जादा हो जाही। पर जेकर करा नइं ए, ओकर करा ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन थोर बहुंत ओकर करा हवय। 13 मेंह ओमन ले एकर कारन पटंतर म गोठियाथंव काबरकि ओमन देखत घलो नइं देखंय, अऊ सुनत घलो ओमन नइं सुनंय या समझंय।
14 ओमन के बारे म यसायाह अगमजानी के ए अगमबानी ह पूरा होथे:
‘तुमन सुनहू जरूर,
पर कभू नइं समझहू,
अऊ तुमन देखहू जरूर,
पर कभू नइं सूझही।
15 काबरकि ए मनखेमन के दिमाग ह मोटा हो गे हवय,
अऊ एमन अपन कान ले ऊंचहा सुने लगे हवंय।
अऊ एमन अपन आंखी ला मूंद ले हवंय। नइं तो एमन ह अपन आंखी ले देखतिन,
अपन कान ले सुनतिन,
अपन दिमाग ले समझतिन अऊ मोर कोति फिरतिन,
अऊ मेंह एमन ला चंगा कर देतेंव।’
16 पर धइन अंय तुम्हर आंखीमन, काबरकि ओमन देखथें, अऊ धइन अंय तुम्हर कानमन, काबरकि ओमन सुनथें। 17 मेंह तुमन ला सच कहथंव कि जऊन चीज ला तुमन देखत हव, ओला कतको अगमजानी अऊ धरमी मनखेमन देखे चाहत रिहिन, पर देखे नइं सकिन; अऊ जऊन गोठ ला तुमन सुनत हवव, ओला ओमन सुने चाहत रिहिन, पर सुने नइं सकिन।[b]
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