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सेवकाई का प्रारम्भ गलील प्रदेश से

(मारक 1:14-15; लूकॉ 4:14-15; योहन 4:43-45)

12 यह मालूम होने पर कि बपतिस्मा देने वाले योहन को बन्दी बना लिया गया है, येशु गलील प्रदेश में चले गए 13 और नाज़रेथ नगर को छोड़ कफ़रनहूम नगर में बस गए, जो झील तट पर ज़बूलून तथा नप्ताली नामक क्षेत्र में था. 14 ऐसा इसलिए हुआ कि भविष्यद्वक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो:

15 यरदन नदी के पार समुद्रतट पर बसे ज़बूलून तथा नप्ताली प्रदेश
    अर्थात् गलील प्रदेश में,
    जहाँ [a]अन्यजाति बसे हुए हैं,
16 —उन्होंने, जो अन्धकार में निवास कर रहे हैं,
    एक तेज़ प्रकाश का दर्शन किया; उन लोगों पर,
जो ऐसे स्थान में निवास कर रहे हैं जिस पर मृत्यु-छाया है,
    प्रकाश उदय हुआ.

17 उस समय से येशु ने यह उपदेश देना प्रारम्भ कर दिया, “पश्चाताप करो क्योंकि स्वर्ग-राज्य समीप आ गया है.”

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Footnotes

  1. 4:15 गैर यहूदी अथवा अयहूदी